हाल के हफ्तों में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में भारी गिरावट आई है, जिसकी वजह तनाव बढ़ना और एक नाजुक युद्ध विराम का उल्लंघन है। यहाँ नवीनतम घटनाक्रमों का विवरण दिया गया है:
हालिया संघर्ष और युद्ध विराम:

- पर्यटक नरसंहार: 22 अप्रैल, 2025 को, भारतीय नियंत्रित कश्मीर में एक बंदूक नरसंहार के परिणामस्वरूप कम से कम 26 पर्यटक मारे गए। कश्मीर प्रतिरोध नामक एक समूह ने जिम्मेदारी ली, जिसके कारण भारत ने पाकिस्तान पर हमले का समर्थन करने का आरोप लगाया।
- राजनयिक नतीजे: जवाब में, भारत ने राजनयिक संबंधों को कमतर कर दिया, एकमात्र कार्यात्मक भूमि सीमा पार को बंद कर दिया, और एक महत्वपूर्ण जल-साझाकरण संधि (सिंधु जल संधि) को निलंबित कर दिया। पाकिस्तान ने भारतीय एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करके और भारत के साथ सभी व्यापार को निलंबित करके जवाबी कार्रवाई की।
- सैन्य वृद्धि: इसके बाद दोनों पक्षों की ओर से तीव्र गोलाबारी और हवाई घुसपैठ हुई। पाकिस्तान ने बताया कि भारतीय सेना ने युद्ध विराम उल्लंघन शुरू किया। * “ऑपरेशन सिंदूर”: भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत हवाई हमले किए, जिसमें पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी साइट किराना हिल्स के पास के एयरबेस भी शामिल थे।
- युद्ध विराम समझौता: इन वृद्धि के बाद, 10 मई, 2025 को युद्ध विराम की घोषणा की गई, जिसमें कथित तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका की भागीदारी थी। भारत और पाकिस्तान दोनों ने समझौते की पुष्टि की, हालांकि यह कैसे हुआ, इसके बारे में अलग-अलग बयान दिए।
- युद्ध विराम उल्लंघन: समझौते के बावजूद, युद्ध विराम उल्लंघन की रिपोर्टें सामने आई हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत पर इन उल्लंघनों को शुरू करने का आरोप लगाया।
- परमाणु चिंताएँ: हाल के संकट ने क्षेत्र में परमाणु संघर्ष के जोखिम के बारे में चिंताओं को फिर से जगा दिया है। पाकिस्तान द्वारा राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण (एनसीए) की बैठक की घोषणा को उसकी परमाणु क्षमताओं की याद दिलाने के रूप में देखा गया। भारतीय हवाई हमलों के बाद पाकिस्तान के किराना हिल्स के पास रेडियोधर्मी रिसाव के असत्यापित सोशल मीडिया दावे भी थे, जिसका भारत ने दृढ़ता से खंडन किया है।
वर्तमान स्थिति: - अस्थिर युद्ध विराम: युद्ध विराम लागू होने के बावजूद स्थिति अनिश्चित बनी हुई है। 22 अप्रैल के हमले के बाद दोनों देशों द्वारा की गई दंडात्मक गैर-सैन्य कार्रवाइयां अभी भी प्रभावी हैं।
- रुकी हुई बातचीत: सामान्य स्थिति में वापसी की संभावनाएँ सीमित दिखाई देती हैं। भारत ने कहा है कि किसी भी वार्ता में आतंकवाद और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, जबकि पाकिस्तान सिंधु जल संधि और भारत प्रशासित कश्मीर पर चर्चा करना चाहता है।
- जारी उपाय: युद्ध विराम के बावजूद कई उपाय लागू हैं, जिनमें सिंधु जल संधि का निलंबन, वीजा का लगभग पूर्ण निलंबन और अटारी-वाघा सीमा को बंद करना शामिल है। दोनों देशों के बीच सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष व्यापार भी निलंबित हैं।
भारत-पाकिस्तान संबंधों का व्यापक संदर्भ: - ऐतिहासिक शिकायतें: 1947 में ब्रिटिश भारत के विभाजन के बाद से ही यह संबंध ऐतिहासिक शिकायतों और क्षेत्रीय विवादों से भरा हुआ है।
- युद्ध और संघर्ष: दोनों देशों ने तीन बड़े युद्ध और एक अघोषित युद्ध लड़ा है, मुख्य रूप से कश्मीर क्षेत्र को लेकर।
- सीमा पार आतंकवाद: भारत ने पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद के बारे में लगातार चिंता जताई है।
- सीमित सहयोग: तनाव के बावजूद, विज्ञान, संस्कृति और धार्मिक पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग के कुछ उदाहरण हैं।
पाकिस्तान की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति: - आर्थिक चुनौतियाँ: पाकिस्तान ने हाल के वर्षों में एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकट का सामना किया है, जिसमें ईंधन की बढ़ती कीमतें, अत्यधिक उधार, खराब शासन और भुगतान संतुलन का संकट शामिल है। हालाँकि हाल ही में धीरे-धीरे व्यापक आर्थिक सुधार के संकेत मिले हैं, लेकिन स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
- राजनीतिक अस्थिरता: पाकिस्तान ने राजनीतिक अस्थिरता का अनुभव किया है, जिसने उसके आर्थिक संकटों में योगदान दिया है।
- सामाजिक मुद्दे: देश बढ़ते चरमपंथ, अल्पसंख्यकों के प्रति असहिष्णुता और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों जैसे मुद्दों से भी जूझ रहा है। संक्षेप में, नवीनतम समाचार भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक खतरनाक वृद्धि को उजागर करता है, जिसके बाद एक नाजुक युद्धविराम होता है। संबंधों को प्रभावित करने वाले अंतर्निहित मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं, और पाकिस्तान में आर्थिक और राजनीतिक स्थिति क्षेत्रीय गतिशीलता में और जटिलता जोड़ती है।